जब हम Trading करते है तो trading के कुछ pillars होते है जैसे Technicla Analysis,Price Action, Indicators जिनके basis पर एक Trader trade लेता है।इन pillars में एक में पिलर से एक मेन pillar Indicators है।Volume Indicator एक बहुत महत्वपूर्ण Indicator है जो की candlestick pattern के Correction को define करता है।Volume Indicator के basis पर ही हम कैंडल के real meaning को समझ पाते है।
Kya hota hai Volume Indicator?
हम किसी स्टॉक को तब तक नहीं बेच सकते है जब तक की कोई दूसरा व्यक्ति उस शेयर को खरीदे न।किसी company के shares limited होते है इन्हे यदि आप खरीदना चाहते है तो आप दूसरे व्यक्ति से खरीदते है जो की उस शेयर को पहले से hold करके रखा है।ऐसा नहीं है की आपको किसी कंपनी के शेयर चाहिए तो वह कम्पनी आपको नए शेयर बना के देदेगी।आपको दूसरे व्यक्ति से उसे ज्यादा प्राइस देकर खरीदना होगा।
Volume Indicator यही प्रदर्शित करता है की एक पर्टिकुलर टाइम फ्रेम में कितने शेयर खरीदे या बेचे गए।इन्हे इंडिकेट करने के लिए चार्ट के नीचे वाले पोर्सन में एक बार ग्राफ चलता है जिसकी रीडिंग शेयर की price से अलग चलती है।
देखिए आप सब ये तो जानते ही है की जब किसी शेयर को बेचा जाता है तभी उसे खरीदा जा सकता है मतलब जब कोई इंसान किसी 1 शेयर को बेचेगा तभी दूसरा इंसान उस 1 शेयर हो खरीदेगा। तो मेरा आप से ये सवाल है की जब एक शेयर को एक पार्टिकुलर टाइम में खरीदा और बेचा जाता है तो उसका वॉल्यूम कितना होगा।अब आप में से बहुत से लोगो का जवाब 2 होगा पर ऐसा नहीं है इसका वॉल्यूम सिर्फ 1 होगा क्योंकि उस पार्टिकुलर time पर 1 ही शेयर ट्रेड हो रहा है।
Volume Indicator kaise use kare
अब आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा की Volume Indicator kaise use kare। volume Indicator को use करने के लिए हम indicators के सेक्शन से वॉल्यूम को सेलेक्ट करना है फिर इसकी सेटिंग में जाकर वॉल्यूम MA की लेंथ को 9 पर सेलेक्ट करना है इससे volume bars पर एक नीले colour की लाइन draw हो जाएगी यदि वॉल्यूम इस लाइन के उपर जाता है तो हम ये समझ सकते है की वॉल्यूम बहुत ज्यादा है और शेयर में बायर एंड सेलर्स इंटरेस्टेड है।
मुझे उम्मीद है की आप इस आर्टिकल से volume indicator को समझ गए होगा
Dhanybad
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